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Sunday, 3 January 2016

गद्दार ब्राह्मण थे पेशवा :: ब्राह्मणवाद और जातिवाद को बढ़ावा देती फिल्म बाजीराव मस्तानी देश को गुमराह करने की कोशिश

 बाजीराव - मस्तानी देखने वाले भले ही पेशवा बाजीराव के कारनामे देख के अतीत में पेशवाओ के मुरीद हो जाएँ परन्तु यह अकाट्य सत्य है की पेशवाओ का राज अछूतो के लिए सबसे कष्टकारी और अपमानजनक राज था । 
पेशवाओ के राज में ब्राह्मणवाद इतना चरम पर था की अछूतो को सड़क पर चलने तक की अनुमति नहीं थी , यदि कोई अछूत सड़क पर चलता तो उसको आगे गले में हांड़ी लटकानी पड़ती थी ताकि उसका थूक जमीन पर न गिरे और पीछे झाड़ू लटकानी पड़ती थी ताकि उसके पदचिन्हो पर किसी ब्राह्मण का पैर न पड़े और वह अपवित्र न हो ।
पेशवा के ऐसे ही अमानवीय अत्याचारो से तंग आके महारास्ट्र के महारो ने अंग्रेजी सेना में भर्ती होके पेशवा बाजीराव को बुरी तरह हरा दिया था ।ये महारो का ही पराक्रम था की वे केवल 500 थे जबकि बाजीराव के 28000 सैनिक , पर केवल 500 महार अछूतो ने बाजीराव के 28000सैनिको को बुरी तरह धूल छटा दी थी ।
पेशवा बाजीराव का जनवरी 1818 में ईस्ट इण्डिया कंपनी के साथ कोरेगांव के पास अंतिम युद्ध हुआ । पेशवा की सेना में 28000 सैनिक थे और कंपनी की सेना में 500 पैदल और 50 घुड़सवार जिसमें अधिकतर महार थे । कंपनी की महार सेना ने पेशवा बाजीराव की सेना की धज्जियां उड़ा दीं । कोरेगांव का युद्ध स्मारक अछूत महार जाति के अद्भुत पराक्रम का परिचायक है । पेशवा ने अपने शासन काल में अछूतो पर जो अत्याचार किये थें , उनकी अछूत महारो में भयानक प्रतिक्रिया का कोरेगांव एक अद्भुत उदहारण है । इस युद्ध में पेशवा बाजीराव को पकड़ कर कंपनी की सेना ने मार कर पेशवा राज्य समाप्त कर उस पर अधिकार कर लिए और अछूतो को बहुत हद तक राहत मिली
भीमा नदीके तट पर बसा
गाँव
भीमा कोरेगांव
पुणे ( महाराष्ट्र )
की कहानी
01
जनवरी 1818 का
ठंडादिन
दो सेनाएं
आमने - सामने 
28000
सैनिकों सहित 
पेशवा बाजीराव – ( II ) 2’
के विरूद्ध
बॉम्बे नेटिव लाइट इन्फेंट्रीके
500 ‘
महारसैनिक 
ब्राह्मणराज बचाने की 
फिराक में पेशवा
और
दूसरी तरफ
पेशवाओंके पशुवत
अत्याचारोंका
बदलाचुकाने की 
फिराकमें
गुस्से से तमतमाए
500 “
महार
के बीच 
घमासान युद्धहुआ
जिसमे
ब्रह्माके मुँह से जनित
(
पैदा हुए ) 
28000 ‘
पेशवाकी 
500
महार योद्धाओ
से शर्मनाक पराजयहुई
हमारे सिर्फ 500 योद्धाओने
28000
पेश्वाओका 
नाश कर दिया 
और 
ईसके साथ ही 
भारत से पेश्वाई खत्म कर दी
ऐसे बहादुर थे हमारे
पुरखे 
और
ऐसा हमारा 
गौरवशाली ईतिहास है
सब से पहले उन 
500 ‘
महार’ ( पूर्वजों ) करो
नमनकरो ...
क्यों ... ?? 
क्योंकी.........
1 )
उस हारके बाद, ‘पेशवाई
खतम हो गयी थी |
2 ) ‘
अंग्रेजोको इस भारत देश
की सत्तामिली |
3 ) ‘
अंग्रेजोने इस भारत देश
में शिक्षणका प्रचार
किया, जो हजारोसालों
से बहुजनसमाज के
लिए बंदथा | 
4 ) ‘
महात्मा फुलेपढ़ पाए,
और इस देश की जातीयता
समजपाऐ |
5 )
अगर महात्मा फुलेन पढ़
पाते तो शिवाजी महाराज
की समाधीकोण ढूँढ
निकलते | 
6 )
अगर महात्मा फुलेपढ़
पाते, तो सावित्री बाई
कभी इस देश की प्रथम
महिला शिक्षिकान बन
सकती थी |
7 )
अगर सावित्री बाई’,
पढ़पाई होती तो, इस
देश की महिलाकभी न
पढ़ पाती | 
8 ). ‘
शाहू महाराज’,
आरक्षणकभी न दे पाते
9 ) ‘
डॉ. बाबा साहब’, कभी न
पढ़पाते |
10 )
अगर 1 जनवरी, 1818
को 500 ‘महारसैनिकों
ने 28,000 ‘ब्राम्हण
(
पेशवाओं ) को, मार न
डाला होता तो ... !!!
आज हम लोग कहा पे
होते ... ??
आज भी भीमा कोरेगाव में
विजय स्तम्भ खड़ा है 
और 
उसपे उन हमारे 
शुरवीर ,बहादुर 
और
वतन परस्त
महार सैनिको 
जो उस युद्ध में सहिद हुए थे
उनके नाम 
उस पे लिखा हुआ है।
सोचो 
28000÷500=56 
के हिसाब से
हमारे एक महार सैनिक ने
अकेले ने ही 
56
पेशवाओ को 
काट डाला था
कहि देखा,सुना या पढ़ा है ?
ऐसे योद्धा के बारे में 
नहीं ना ?
क्यों की .....
भारत में ब्राह्मनो का 
राज चलता है 
और 
वे कभी नही चाहते 
की हमारे वीरो की कहानी 
हम तक पहुचे

    

जाने पेशवा......कौन ??
महाराष्ट्र में राजा के बाद प्रधानमंत्री के पद को पेशवा कहा जाता था । जो केवल ब्राह्मण प्रजाति के लिए आरक्षित होता था । यदि राजा लड़ने में अक्षम (नाबालिक /बीमार या वॄद्ध ) हो तो पेशवा कुछ समय के किये उनका कार्यभार संभाल लिया करता था । यह पेशवा का पद वंशानुगत नही था । किंतु बालाजी बिश्वनाथ भट्ट ने यह पद अपने वंशजो के लिए वंशानुगत कर खुद राजा बन बैठा और अपने पुत्र बाजीराव पेशवा प्रथम को राजपाठ सौप दिया ।
आओ देखे पेशवाओ की अमानवीय हरकते......
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छत्रपति शिवाजी महाराज के "रैयत " के अनुसार राजकार्य के घोर विरोधी पेशवा !!
शिवाजी महाराज को भरे दरबार मे शूद्र कह कर अपमानित करने वाले पेशवा !!
शिवाजी महाराज को शूद्र कह कर उनके राज्याभिषेक नहीं करने वाले पेशवा !!
छत्रपति शिवाजी महाराज के विरोध मे यज्ञ करने वाले पेशवा !!
छत्रपति शिवाजी महाराज कि हत्या की साजिश करने वाले.....पेशवा ....!!!
शिवाजी ने जिस अफजल खां को बाघनख से चीर दिया था , उस वक्त छत्रपति शिवाजी महाराज को तलवार से वार करने वाला अफजल खान का वकील चाटुकार कुष्णाभास्कर कुलकर्णी....पेशवा !!
संभाजी महाराज को मुगलो से पकडवाने वाले .....पेशवा .....!!!
संभाजी महाराज की "मनुस्मृति" के अनुसार ...मुगलो से हत्या करवाने वाले पेशवा !!
छत्रपति शिवाजी महाराज की माँ साहेब जिजाऊ ,शिवपुत्र संभाजी का चरित्र हनन करने/ बदनामी कारक पुस्तक लिखने वाले पेशवा !!
विदेशी लेखक जेम्स लेने को पुणे स्थित भन्डारकर इंस्टीट्यूट मे "शिवाजी द किंग ईन इस्लामिक इंडिया " नामक पुस्तक लिखवाने वाले पेशवा ...!!!
राष्ट्रपिता फूले जी ने जब छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि को खोजा व साफ सफाई करने के बाद शिव जयंती मनाने का निर्णय लिया तो .....
इस "कुनभट" को इतना तव्वज्यो क्यो दे रहे हो... राष्ट्रपिता फूले जी को ऐसी सलाह देने वाला
शिवाजी महाराज को जातिगत सम्बोधन करने वाला ग्रामजोशी पेशवा !!
कुलमी.. कुनबी...कुर्मी जातियों को कुणभट कहकर नाम बिगाडने वाले पेशवा !!
छत्रपति शिवजी के पोते शाहुजी महाराज को शूद्र कहकर उनके के स्नान के समय वैदिक मन्त्रो की जगह पौराणिक मन्त्र पडने वाला पेशवा !!
छत्रपति शाहुजी महाराज को निचले ( शूद्र ) वर्ण का कहकर , महाराज को उनके रसोईघर मे नही आने देने वाला , महाराज को अपमानित करने वाला जातिवाद करने वाला पेशवा ..!!
शिवाजी महाराज के राज्य को नष्ट करने वाले
खत्म करने वाले पेशवा...!!
शिवाजी के द्वारा शुरू किए गये "शिव शक संवत " को बन्द करने वाले पेशवा,...!!!!
"शिव शक संवत " की जगह मुगलो का "फसली शक संवत" शुरू करने वाले मुगलो के गुलाम पेशवा...!!!
अछूतो के गले मे मिटटी का बर्तन व कमर मे झाडू लटकाने वाले अमानविय/जातिवाद/वर्णवादी/दुष्ट पेशवा...!!
महिलाओ को वासना पूर्ति का साधन समझने वाले/कामूक/अन्यायी/ अत्यचारी/दरिन्दे/नाचने वाली/ गाने वाली /मुजरा करने वाली मस्तानी के पीछे अपनी पत्नी को धोखा देने वाले , अपनी प्रजा को धोखा देने वाले 
पेशवा